गोरखपुर: जिले में अधिकतर फसल पक कर तैयार हो चुकी है और तमाम घटनाएं सामने आ रही हैं, जिसमे किसानों की गेहूं की फसलें शॉर्ट सर्किट और अग्निकांड, या अन्य किसी वजह से नुकसान हो जा रही हैं। इन्हीं सब घटनाओं को देखते हुए, डीएम के. विजयेंद्र पांडियन ने सर्वेक्षण के निर्देश दिए हैं।
इसके अलावा जिले में मशीन स्ट्रा रीपर या भूसा बनाने वाली का प्रयोग 15 अप्रैल तक प्रतिबंधित कर दिया है। सोमवार को बैठक कर एडीएम वित्त एवं राजस्व राजेश सिंह ने जिले के सभी एसडीएम और तहसीलदारों को किसानों की गेहूं की जली फसल का तहसीलकर्मियों से सर्वेक्षण कराने का निर्देश दिया है। जिला कृषि अधिकारी अरविंद चौधरी को निर्देषित किया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत कवर किसानों फसल को यदि अग्निकांड से क्षति पहुंची तो उसका भी सर्वेक्षण करा शीघ्र दिलाने के प्रयास किए जाए।
राजेश सिंह ने किसानों से भी अपील किया कि वे फसल को हुई क्षति के लिए मुख्यमंत्री खेत-खलिहान दुर्घटना सहायता योजना के अंतर्गत किसी भी जनसेवा केंद्र से इ-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करें। यह भी अपील किया कि राजस्व विभाग के कर्मचारी सर्वेक्षण के लिए जाए तो उन्हें अपने बैंक पासबुक और आधार कार्ड का डिटेल भी प्रदान करें। ताकि यदि आवेदन में दिए गए तथ्य सही मिले तो किसान के खाते में मुआवजा राशि खाते में भेजी जा सके।
नियमानुसार इतना मिलेगा मुआवजा….
किसान योजना के मुताबिक 90 दिन के भीतर आवेदन कर सकते हैं। योजना के अंतर्गत 5 एकड़ से अधिक जोत पर सहायता राशि 50 हजार, ढाई एकड़ की जोत पर सहायता राशि 30 हजार और 5 एकड़ की जोत पर सहायता राशि 40 हजार रुपये मिलेगी।
वहीं किसानों को अपनी तैयार फसलें समय पर कटवा कर रखने की व्यवस्था पर ज़ोर देना होगा, जिससे इन घटनाओं से फसलों को होने वाले नुकसान से अग्रिम सुरक्षा हो पाएगी।